सांडे का तेल

आइए जानें सांडे का तेल क्या होता है, कैसे बनाया जाता है और इसके लाभ और नुकसान क्या हैं।

Dr Ali, M.B.B.S. (27 years of experience)

2/27/20241 min read

सांडे का तेल
सांडे का तेल

आम तौर पर लोग सांडे के तेल के बारे में अलग-अलग विचार रखते हैं। कुछ लोगों ने इसे यौन समस्याओं का उपचार बताया है। कुछ लोग इसके लाभों को गलत समझते हैं। सांडे का तेल आम तौर पर आयुर्वेदिक तत्वों का एक मिश्रण माना जाता है जो एक जीव के ग्रंथियों से प्राप्त होते हैं।


इस तेल को दुकानों से अधिक फुटपाथ, बसों और रेलवे स्टेशनों पर बेचा जाता है। इसके लाभ का दावा करने वाले कहते हैं कि यह शीघ्रपतन और लिंग की कमजोरी सहित कई सेक्स समस्याओं में काम करता है। वहीं इसे लगाने से कई लोग एलर्जी, जलन आदि की शिकायत करते हैं।


सरकार ने इस तेल पर प्रतिबंध लगाया है क्योंकि यह जीव को मारकर प्राप्त किया जाता है। आइए जानें सांडे का तेल क्या होता है, कैसे बनाया जाता है और इसके लाभ और नुकसान क्या हैं।


सांडे का तेल

सांडे का तेल क्या होता है
सांडे का तेल क्या होता है

सांडा रेतीले क्षेत्रों में पाया जाता है। यह देखने में बहुत बड़ी छिपकली जैसा दिखता है और राजस्थान और आसपास के मरुस्थलों में बहुतायत में पाया जाता है। सांडे का तेल जीव को मारकर उसके अंदर पाई जाने वाली एक ग्रंथि से मिलता है। दावा किया जाता है कि यह तेल यौन समस्याओं को दूर करता है।

हालांकि बाजार में उपलब्ध सांडे का तेल आम तौर पर आयुर्वेदिक उपचार और अन्य पारंपरिक दवाओं में प्रयोग किया जाता है. यह कई आयुर्वेदिक तेलों का मिश्रण है। इस तेल में मौजूद सामग्री (जड़ी-बूटियां) विभिन्न निर्माता कंपनियों से अलग हो सकती है। सांडे के तेल में अक्सर निम्नलिखित जड़ी-बूटियों का मिश्रण मिलाया जाता है:

तिल का तेल, मखमली बीन, शतावरी, लौंग का तेल, काले जीरे का तेल, धतूरे का अर्क

Sande Oil लिंग की नसों में ढीलापन, कमजोरी, स्तंभन दोष और शीघ्र पतन को दूर करता है। यह भी कहा जाता है कि सांडे का तेल सेक्स करते समय उत्तेजना बढ़ाता है। कहा जाता है कि सांडे का तेल लिंग की मोटाई, लिंग का आकार की समस्याओं को दूर करता है।


सांडे का तेल क्या होता है

सांडे का तेल लगाने की विधि
सांडे का तेल लगाने की विधि

सांडे का तेल लगाना बहुत आसान है। इस तेल को हाथ में लेकर अपने लिंग पर मालिश करें। इस मालिश में तेल आगे से पीछे या पीछे से आगे लगाना चाहिए। ध्यान दें कि इसे लिंग के शीर्ष पर नहीं लगाना चाहिए।

Sande तेल मुख्य रूप से स्किन पर लगाया जाता है। इस तेल को लिंग पर लगभग 30 मिनट पहले मालिश करने से आपको फायदा हो सकता है। सांडे के तेल में शामिल सक्रिय पदार्थों को स्किन के माध्यम से शरीर में अवशोषित किया जाता है।


इस तेल को लगभग तीन महीने तक लगातार इस्तेमाल करने से बेहतर परिणाम मिलेगा। हालाँकि, कोई चिकित्सा अध्ययन नहीं हुआ है जो निर्धारित करे कि सांडे का तेल कितनी बार लगाना चाहिए या कितनी देर तक स्किन पर रहना चाहिए।

इससे एलर्जी सहित कई हानि हो सकती हैं।


सांडे का तेल लगाने की विधि

सांडे का तेल कैसे बनता है
सांडे का तेल कैसे बनता है

रेगिस्तान में एक सरीसृप सांडा की पूंछ के नीचे छोटी सी ग्रंथि में सांडे का तेल मिलता है। इस ग्रंथि को पूंछ से अलग कर, इसी थैली की ग्रंथि को पिघलाकर सांडे का तेल बनाया जाता है। इस तेल को बनाने के लिए गर्म पानी में ग्रंथि को खौलाया जाता है, फिर इसे ठंडा कर इससे अलग किया जाता है। वैसे, बहुत से लोग सड़क किनारे से लेकर विभिन्न दुकानों और हकीम बैद्यों में सांडे के तेल खरीदते हैं। हालाँकि, विशेषज्ञों का कहना है कि असली तेल पाना बहुत ही मुश्किल है। सरकारी प्रतिबंध के बाद तो स्थिति और भी कठिन हो गई है।

सांडे का तेल कैसे बनता है

सांडे का तेल का फायदा
सांडे का तेल का फायदा

स्तंभन दोष: आजकल पुरुषों में स्तंभन दोष की समस्या बहुत आम है, क्योंकि उनका जीवनशैली बहुत व्यस्त है और वे बहुत अधिक काम करते हैं। इस समस्या में सांडे का तेल काम कर सकता है। इस तेल में अश्वगंधा, लौंग और धतूरे के तत्व मिलते हैं। यह तेल स्तंभन दोष को दूर करने में मदद करता है। यह बात और है कि वैज्ञानिक शोध अभी तक इस संबंध की पुष्टि नहीं की गई है।


शीघ्रपतन: शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने वाले तत्व शीघ्रपतन सांडे के तेल में हैं। इससे समय से पहले या शीघ्र पतन की समस्या हल होती है। इस तेल में शतावरी, अश्वगंधा और लौंग के तत्व मौजूद हैं। यह शीघ्रपतन को रोकने के लिए ज्यादा उत्तेजित नसों को आराम देता है।


सूजन: सांडे के तेल में वही तत्व हैं जो जीरे में हैं, इसलिए यह शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यही कारण है कि यह तत्व फेफड़ों में खून की आपूर्ति को बेहतर बनाते हैं, जो आपके लिए लाभदायक है। यह पदार्थ ब्लड में शुगर स्तर नियंत्रित करता है।


सांडे के तेल का और भी लाभ है कि यह सेक्स पावर और कॉन्फिडेंस बढ़ाता है।


सांडे का तेल का फायदा

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक झूठ है। उनका विचार है कि सांडे की ग्रंथि से निकलने वाली चर्बी सभी तरह की वसा है। वैज्ञानिक जांच से भी इसकी पुष्टि की जा सकती है। यही कारण है कि सांडे के तेल में कोई ऐसी विशेषता नही है जो यौन रोगों का इलाज कर सकती है, ऐसा दावा सिर्फ झूठ है।


जलन और खुजली: सांडे का तेल लगाने से कुछ लोगों की त्वचा जलन और खुजली हो सकती है।

एलर्जिक रिएक्शन: सांडे के तेल के किसी घटक से एलर्जी होने पर इसका उपयोग खतरनाक हो सकता है और त्वचा रोगों जैसे चकत्ते, सूजन या लालिमा को जन्म दे सकता है।

अवयस्कों के लिए असुरक्षित: बच्चों और युवा लोगों को सांडे के तेल का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें कुछ घातक या घातक पदार्थ हो सकते हैं जो उनका स्वास्थ्य खराब कर सकते हैं।


सांडे के तेल के नुकसान

क्या सांडे का तेल काम करता है?
क्या सांडे का तेल काम करता है?

BBC ने बताया कि इस तेल के साथ किए गए यौन संबंधों के सभी दावे गलत हैं। यह छिपकली की चर्बी के समान है और आम जानवरों की चर्बी के समान है। इसके अतिरिक्त, इसके कई हानिकारक परिणाम भी हो सकते हैं। इस तेल का उपयोग करने के बाद कई लोग त्वचा में जलन की शिकायत करते हैं, जिससे पता चलता है कि इसका कारण क्या है।

इसके बावजूद, इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि तपते रेगिस्तानों में रहने वाले सांडों का शरीर अद्भुत शक्ति से भरपूर है। इसके अलावा, इसके शरीर में चर्बी होने के कारण यह शिकार किया जाता है, और सदियों से लोगों को इसके तेल के नाम पर मूर्ख बनाया जाता है।


क्या सांडे का तेल काम करता है?


सांडा का तेल लगाने से क्या होता है?

सांडे का तेल पुरुषों की सेक्स समस्याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार में उपयोग किया जाता है. यह तेल पारंपरिक आयुर्वेदिक तेलों का एक मिश्रण है। यह तेल स्तंभन दोष और शीघ्रपतन को कम करने के लिए प्राकृतिक उपाय है।


सांडे के तेल की कीमत क्या है?

सांडे तेल के विक्रेता ने बताया कि एक नियमित बोतल की कीमत 150 रुपये से 500 रुपये के बीच होती है। ग्राहक द्वारा पसंद किए जाने वाले वसा के प्रकार के आधार पर विशेष तिला अधिक कीमत पर उपलब्ध है। स्पेशल टीला 3000 से 4000 रुपये तक बिकता है.


सांडे का तेल कैसे बनाया जाता है?

रेगिस्तान में एक सरीसृप सांडा की पूंछ के नीचे छोटी सी ग्रंथि में सांडे का तेल मिलता है। इस ग्रंथि को पूंछ से अलग कर, इसी थैली की ग्रंथि को पिघलाकर सांडे का तेल बनाया जाता है।


सांडे का तेल मेडिकल में मिलता है क्या?

असली तेल प्राप्त करना कठिन है, खासकर सरकारी प्रतिबंध के बाद। इस स्थिति में, आप पुराने वैध और पारिवारिक हकीमो से तेल पा सकते हैं।



सांडे का तेल कब लगाना चाहिए

Sande तेल मुख्य रूप से स्किन पर लगाया जाता है। इस तेल को लिंग पर लगभग 30 मिनट पहले मालिश करने से आपको फायदा हो सकता है।

सांडे का तेल किस काम आता है

यह तेल स्तंभन दोष, शीघ्रपतन और सूजन को दूर करने में मदद करता है।

सांडे का तेल कहां मिलेगा

इसे प्राप्त करने के लिए आपके पास स्थानीय फार्मेसी में जाने या अमेज़ॅन के माध्यम से ऑनलाइन ऑर्डर देने का विकल्प है।

सांडा तेल लगाने की विधि

इस तेल को हाथ में लेकर अपने लिंग पर मालिश करें। इस मालिश में तेल आगे से पीछे या पीछे से आगे लगाना चाहिए। ध्यान दें कि इसे लिंग के शीर्ष पर नहीं लगाना चाहिए।


सांडे के तेल के बारे में कुछ प्रश्न

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